5 Simple Statements About sidh kunjika Explained
5 Simple Statements About sidh kunjika Explained
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देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः
न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा ॥ १५ ॥
धां धीं धू धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी।
Siddha Kunjika Strotam Rewards contain blessing a single who chants with total devotion with Completely fantastic overall health.
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
छठ की व्यापकता में पोखर तालाब से टूटता नाता
येन मन्त्र प्रभावेण, चण्डी जापः शुभो भवेत।।
On chanting on the whole, Swamiji suggests, “The more we sidh kunjika recite, the more we pay attention, and the greater we attune ourselves to the vibration of what is staying said, then the more We are going to inculcate that Angle. Our intention amplifies the Mindset.”
समय का अभाव है तो नवरात्रि के नौ दिनों में सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ कर देवी की उपासना की जा सकती है. इससे पूजा और व्रत का अक्षय पुण्य प्राप्त होगा.